जब आध्यात्मिक पथ और पारिवारिक दायित्व टकराएं: एक प्रेमपूर्ण समझ
साधक, तुम्हारे मन में यह द्वंद्व बहुत स्वाभाविक है। आध्यात्मिक खोज और पारिवारिक जिम्मेदारियाँ कभी-कभी ऐसे दो रास्ते लगते हैं जो टकराते हैं। लेकिन याद रखो, तुम्हारे अंदर की गहराई और तुम्हारे बाहर की ज़िम्मेदारी दोनों तुम्हारे जीवन के महत्वपूर्ण पक्ष हैं। तुम अकेले नहीं हो इस संघर्ष में। चलो मिलकर समझते हैं कि भगवद गीता तुम्हें क्या कहती है।