निर्णय के दो पथ: दिल और दिमाग का संगम
साधक, जीवन के मोड़ पर जब निर्णय लेने की घड़ी आती है, तब मन में अनेक भावनाएँ और विचार उमड़ते हैं। कभी दिल कहता है एक राह, तो बुद्धि दूसरी दिशा दिखाती है। इस द्वंद्व में फंसे तुम्हारे लिए मेरा संदेश है — तुम अकेले नहीं हो। हर व्यक्ति इसी संतुलन की तलाश में है। आइए, गीता की अमृत वाणी से इस उलझन को सुलझाएं।