कर्म का बंधन: अगले जीवन की कहानी
साधक, तुम्हारा यह प्रश्न कर्म की गूढ़ता को समझने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। जीवन में जो कर्म हम करते हैं, वे केवल वर्तमान जीवन तक सीमित नहीं रहते, बल्कि उनकी छाप हमारे अगले जन्म तक भी जाती है। यह जानना जरूरी है कि कर्म का फल हमारे भीतर ऊर्जा के रूप में संचित होता है, जो फिर नए रूप में प्रकट होता है। तुम अकेले नहीं हो इस खोज में; हर आत्मा इसी रहस्य को समझने की कोशिश करती है।
🕉️ शाश्वत श्लोक
श्लोक: