दिल में कृष्ण का निवास: एक अनमोल अनुभूति की ओर
साधक, तुम्हारा यह प्रश्न — "मैं अपने हृदय में कृष्ण की उपस्थिति को कैसे महसूस कर सकता हूँ?" — एक मधुर खोज है, जो आत्मा की गहराइयों से निकलती है। यह संकेत है कि तुम्हारा मन आध्यात्मिक स्नेह से ओतप्रोत है और तुम उस दिव्य संगम की चाह रखते हो, जहाँ कृष्ण का प्रेम और शक्ति तुम्हारे भीतर सजीव हो उठे।
आओ, हम गीता के दिव्य प्रकाश में इस रहस्य को समझें और उस अनुभव के करीब चलें।