कर्म के फल से मुक्त होकर उड़ान भरना
साधक, जीवन में जब हम कर्म करते हैं, तो अक्सर हमारा मन फल की चिंता और आसक्ति में उलझ जाता है। तुम्हारा यह प्रश्न — "परिणामों से जुड़ाव के बिना क्रिया करना" — जीवन की सबसे गूढ़ सीखों में से एक है। यह समझना ज़रूरी है कि कर्म करना हमारा धर्म है, पर फल पर आसक्ति हमें बंधन में डालती है। आइए, इस रहस्य को भगवद गीता के प्रकाश में समझते हैं।