जब इच्छा बन जाती है बंधन: समझिए आदतों की गहराई
साधक,
तुम्हारा मन उस उलझन में है जहाँ एक छोटी सी इच्छा धीरे-धीरे आदत बन जाती है, और फिर वह आदत बंधन का रूप ले लेती है। यह सफर बहुत सूक्ष्म होता है, जिस पर ध्यान न दिया जाए तो वह हमारे जीवन को जकड़ लेता है। चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो। चलो इस रहस्य को भगवद् गीता की दिव्य दृष्टि से समझते हैं।