दर्द के दो पहलू: शरीर का और आत्मा का
साधक, जब तुम्हारे भीतर दर्द उठता है, तो वह केवल मांसपेशियों की पीड़ा नहीं होती। यह उस गहरे स्रोत की पुकार होती है जिसे हम आत्मा कहते हैं। आइए, इस अंतर को समझें और अपने भीतर के सच को पहचानें।
🕉️ शाश्वत श्लोक
शरीर और आत्मा के दुःख का अंतर समझाने वाला श्लोक:
दुःखेष्वनुद्विग्नमना: सुखेषु विगतस्पृह: |
वीतरागभयक्रोध: स्थितधीर्मुनिरुच्यते ||
(भगवद्गीता 2.56)