मन को अलगावपूर्ण प्रदर्शन के लिए प्रशिक्षित करना — एक आत्मीय संवाद
साधक, जब मन को हम कर्म के फल से अलग कर देते हैं, तब हम अपने अंदर की शांति और स्थिरता को पाते हैं। यह प्रक्रिया कठिन लग सकती है, क्योंकि मन अक्सर फल की चिंता में उलझा रहता है। लेकिन चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो। हर कर्मयोगी इसी संघर्ष से गुजरता है। आइए, गीता के दिव्य प्रकाश में इस उलझन को सुलझाएं।