जीवन के मोड़ पर: स्पष्टता की खोज
साधक, जीवन के बड़े निर्णयों के सामने खड़ा होना एक ऐसा अनुभव है, जहाँ मन में अनेक प्रश्न और उलझनें होती हैं। यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि जब हम अपने भविष्य की दिशा चुनने जाते हैं, तो मन घबराता है, असमंजस होता है। पर याद रखो, तुम अकेले नहीं हो। हर व्यक्ति के जीवन में ऐसे क्षण आते हैं, जब राह अस्पष्ट लगती है। आज हम भगवद गीता के प्रकाश में इस उलझन को समझने और उसे पार करने का मार्ग खोजेंगे।