काम, क्रोध और अहंकार से मुक्त होने का मार्ग: आत्मा की शांति की ओर
साधक,
तुम्हारे मन में काम, क्रोध और अहंकार की जंजीरें हैं, जो तुम्हारे आध्यात्मिक विकास में बाधा डालती हैं। यह स्वाभाविक है, क्योंकि ये भाव मनुष्य के स्वाभाविक साथी हैं। पर चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो। भगवद गीता ने सदियों पहले ही इस अंधकार से बाहर निकलने का मार्ग दिखाया है। चलो, साथ मिलकर इस प्रकाश की ओर बढ़ें।